संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी
इसे सकट चौथ व्रत कहा जाता है। संत सुख, ईसाई जीवन में खुशहाली, आर्थिक लोकतंत्र के लिए यह व्रत बहुत खास है,
इस साल सकट चौथ 29 जनवरी 2024 को है। सकट चौथ को माघी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ भी कहा जाता है। इस दिन तिल से बप्पा की पूजा, भोग, दान आदि धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्व है।
पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 जनवरी 2024 को प्रातः 06 बजकर 10 मिनट से प्रारम्भ होगी और 30 जनवरी 2024 को प्रातः 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी.
सकट चौथ व्रत की पूजा के लिए शाम 04:37 - शाम 07:37 तक शुभ उत्सव है। इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत की संख्या होती है। सकट चौथ चन्द्र रात्रि 09 बजकर 10 मिनिट पर निकलेगा।
सकट चौथ के दिन तिल और गुड़ के 21 या 11 लड्डुओं का गणपति से भोग लगाएं। इसी प्रकार बुध दोष समाप्त होता है। बप्पा संत की हर संकट से रक्षा करते हैं।
सकट पूजा के दौरान चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत अर्घ्य देना चाहिए। लेकिन अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल की छीन्ते पर नहीं पड़ें। चंद्रमा की पूजा मानसिक तनाव से मुक्ति है। सुविधा एवं आरोग्य का आभूषण प्राप्त होता है।